किडनी मरीजों के इलाज में नया शोध, बिना डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के अब इलाज संभव

आज इंदौर स्थित देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में किडनी मरीजों के बेहतर इलाज के लिए रीनल केयर सेंटर का शुभारंभ किया गया। रीनल केयर सेंटर का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य व् पूर्व कैबिनेट मंत्री पारस चंद्र जैन द्वारा किया गया। इस दौरान किडनी मरीज व् उनके परिजनों के बीच जागरूकता फ़ैलाने के ख्याल से ‘डोंट रिप्लेस रीग्रो, अभियान भी शुरु किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य व् पूर्व कैबिनेट मंत्री पारस चंद्र जैन ने कहा कि इंदौर में शुरू हो रहे रीनल केयर सेंटर किडनी मरीजों के लिए वाकई वरदान है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से डॉ. अजय हार्डिया ने जिस शोध को किया है इससे किडनी मरीजों को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिले इसकी कामना करता हूँ। आगे पारस चंद्र ने कहा कि मौजूदा दौर में किडनी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो स्वास्थ्य जगत में योगदान दे रहे चिकित्स्कों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे समय में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की यह शोध तमाम चिकित्सा जगत के लिए मार्ग दर्शन का कार्य करेगा। आगे उन्होंने इस बड़ी उपलब्धि के लिए देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की पूरी टीम को बधाई दिया।

इस अवसर पर देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने कहा कि लंबे समय से हमें इंतज़ार था कि भारत में एक ऐसा किडनी अस्पताल हो जहां पर पूर्ण रूप से प्राकृतिक इलाज के माध्यम से किडनी मरीजों का इलाज किया जाये। आगे उन्होंने कहा, हमारे द्वारा स्थापित यह भारत का पहला इलेक्ट्रो होम्योपैथी का किडनी केयर सेंटर है जहां पर एक्यूट किडनी रोग, क्रॉनिक किडनी रोग, पॉलिसिस्टिक किडनी रोग, नेफ्रॉटिक सिंड्रोम, एट्रॉफी, हाइपरट्रॉफी, किडनी कैंसर, व् दुर्घटना के कारण गहरी चोट लगने से अगर किडनी में कोई तकलीफ हुई है तो इन सभी का इलाज पूर्ण रूप से प्राकृतक तरिके से किया जायेगा। डॉ. हार्डिया ने आगे कहा, इस सेंटर की विशेषता होगी कि जो किडनी मरीज आज डायलिसिस के सहारे जी रहे हैं उनका डायलिसिस धीरे धीरे खत्म कर उनके किडनी को प्राकृतक तरिके से रीग्रो करके उन्हें जीवन का वरदान हमें देना है। आगे डॉ. हार्डिया ने कहा, आज मेडिकल क्षेत्र में जो किडनी के मरीज हैं उन्हें डायलिसिस का सहारा दिया जा रहा है यह जानते हुए कि यह कोई उपचार की प्रक्रिया नहीं है। किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस मौजूदा मेडिकल साइंस के द्वारा बढ़ाने की परम्परा रही है और किडनी मरीजों के इलाज में अगर कोई डायलिसिस कम करने की बात कर दें तो यह बात असंभव सी लगती है। इसके पीछे की वजह है कि अन्य रीनल केयर सेंटर में किडनी के इलाज के लिए सिर्फ डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट का ही सहारा लिया जाता है, मगर देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा स्थापित इस रीनल केयर सेंटर में आने वाले किडनी मरीजों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवा व् हाइड्रो थेरेपी के माध्यम से क्यूरेटिव ट्रीटमेंट प्रोवाइड करके उनके किडनी के फंक्शन को बढ़ाया जायेगा।

संस्थान के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने किडनी मरीजों के इलाज के लिए ‘डोंट रिप्लेस रीग्रो’ का मंत्र बताया और इस अभियान पर कहा कि हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है कि किडनी रोग के विरुद्ध मजबूती से स्टैंड लेकर किडनी रीग्रो करने की ओर ध्यान दें, किडनी के क्रियाकलापों को सामान्य रूप से बनाये रखने की ओर हर संभव कोशिश करते रहे। किडनी रिप्लेस या ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प से हमें बचने की जरूरत है। यह कतई विकल्प नहीं होना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मनीषा शर्मा ने कहा देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ग्रुप आज हर रोज मानव विज्ञान की दिशा में नए कृतिमान गढ़ रहा है। इस संस्थान में स्थापित शोध विभाग ने जीवन की रक्षा हेतु ऐसे वरदान दिए हैं जिससे आज देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर विशेषकर कैंसर रोग और किडनी रोग के इलाज के लिए फिलाहल विश्व का एक केंद्र बनकर उभरा है। सीईओ मनीषा शर्मा ने आगे कहा कि डॉ. अजय हार्डिया के निर्देशन में देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की टीम ने शोधकर एक बार फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिसका परिणाम है कि आज किडनी के इलाज में किडनी मरीजों को न कष्टदाई डायलिसिस का सहारा लेने की जरूरत है, न किडनी ट्रांप्लांट की, किडनी मरीज अब इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवा के जरिये अपने किडनी पुनःवृद्धि करके अपने किडनी फंक्शन को सामान्य कर सकते हैं।

इस दौरान संस्थान के उप निदेशक डॉ. आशीष हार्डिया ने कहा, यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी में हासिल नए शोध के माध्यम से अब हम किडनी मरीजों का इलाज बहुत ही सामान्य रूप से करेंगे। आगे डॉ. आशीष ने कहा देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में स्थापित रीनल केयर सेंटर में किडनी मरीजों की गंभीरता को देखते हुए हर एक इंतजाम बेहतर तरिके से की गई है। साथ ही किडनी मरीजों के लिए दो डायलिसिस मशीन की भी व्यवस्था की गई है जिसका उदेश्य गंभीर सीकेडी मरीजों के सहारा बने डायलिसिस को कम करते हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी व् हाइड्रो थेरेपी के माध्यम से रोग मुक्त करना है। हमारा संस्थान अब यह किडनी मरीजों के लिए नया परिवार जैसा है जहां उनका विशेष रूप से ख्याल रखा जायेगा। इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. मोनिका हार्डिया, डॉ. राज नंदनी हार्डिया, डॉ. योगेश उपाध्याय, विशाल हार्डिया, योगेंद्र शर्मा, धर्मेश श्रीवास्तव, राजेश बोराणा आदि लोग उपस्थित रहे।

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devi ahilya March 2, 2022 0 Comments

Union Health Minister Dr. Mansukh Mandaviya honored Dr. Ajay Hardia & Mrs. Manisha Sharma

Union Health Minister Dr. Mansukh Mandaviya honored Dr. Ajay Hardia, Director of Devi Ahilya Cancer Hospital Indore
and Chief Executive Officer Mrs. Manisha Sharma, for their outstanding contribution in the field of health.

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devi ahilya December 27, 2021 0 Comments

राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस मनाने के लिए डॉ. अजय हार्डिया का खुला खत

मशहूर कैंसर रोग विशेषज्ञ व् देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं। चांसलर ऑफ़ द नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी कानपूर के संस्थापक मसीह-उल-हिन्द डॉ. एन.एल. सिन्हा का 30 नवंबर को जन्म दिन है। डॉ. अजय हार्डिया इसी अवसर को देखते हुए सोशल मीडिया पर खुला खत लिखे हैं। फेसबुक पर लिखे डॉ. अजय हार्डिया ने अपने इस ओपन लेटर में डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के जयंती पर राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस व् इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जनक डॉ. काउंट सीजर मैटी के जयंती पर विश्व इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस मनाने का इलेक्ट्रो होम्योपैथी जगत के तमाम चिकित्सकों व् देशवासियों को संदेश दिया है। डॉ. अजय हार्डिया ने अपने ओपन लेटर में देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में आयोजित हो रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस समारोह का भी जिक्र किया है। आप इस ओपन लेटर को यहां भी पढ़ सकते हैं।

साथियों नमस्कार,

इलेक्ट्रो होम्योपैथ के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे आप सभी साथियों को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूँ। आप सभी के अथक प्रयास ने भारत माता के सपूतों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए इलेक्ट्रो होम्योपैथी को गंभीर से गंभीर बीमारी के खात्मे में एक सकारात्मक छवि दी है। आप सभी जानते हैं कि हम सभी 30 नवंबर को मसीह-उल- हिन्द डॉ. एन.एल. सिन्हा जी की जयंती के रूप में इस दिन को मनाते हैं। डॉ. एन.एल. सिन्हा जी की 132वीं जयंती के सामने इस नवंबर माह को मैं संकल्प के रूप में देख रहा हूँ।

साथियों, संकल्प की हमें जरुरत इसलिए भी है क्योंकि बगैर दृढ़ निश्चय किये हम अपने किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। संकल्प के शाब्दिक अर्थों में जाए तो इसका सीधा मतलब दृढ़ निश्चय, इरादा, विचार आदि शब्दों के रूप में हम सभी समझते हैं।

भारतीय जमीं पर मुझसे कहीं ज्यादा आप सभी लोग इलेक्ट्रो होम्योपैथी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में डॉ. एन.एल. सिन्हा जी की अहम योगदान को समझते हैं और जानते हैं। साथियों, उनकी पुस्तकों ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जन्मदाता काउंट सीजर मैटी जी के जीवन को भारतीय जमीं पर जीवंत रूप दिया है। आज अगर डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के शब्दों से हम सभी दूर हो जाये तो यकीन मानिए इलेक्ट्रो होम्योपैथी के क्षेत्र में हम सभी के सामने एक संकट जैसी स्थिति होगी।

डॉ. एन.एल. सिन्हा जी ने चिकित्सा जगत में भारत के लोगों को स्वस्थ भारत का एक भाषा दिया, जिसके माध्यम से हम सभी काउंट सीजर मैटी जी से खुद को जोड़ने में सफल हुए हैं। इस योगदान को हमें हर हाल में अपने आदर्श के रूप में स्थापित करना होगा।

साथियों, आप सभी के सामने देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर इलेक्ट्रो होम्योपैथी जगत के साथ साथ ग्लोबल पैनोरमा में कैंसर रोग के इलाज हेतु सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में नंबर वन रहे, इस चुनौती के साथ भारत माता के सपूतों के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु एक स्तम्भ बनकर हमारी टीम खड़ी है।

इलेक्ट्रो होम्योपैथी जगत में इस वक्त सकारात्मक सोच के साथ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो इन्हीं मूल्यों को लेकर पिछले कई वर्षों से संस्थान की ओर से पहल भी की जा रही है।

मुझे यकीन है कि डॉ. एन.एल. सिन्हा जी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए आप सब भी 30 नवंबर के दिन को ऐतिहासिक बनाएंगे, मगर साथियों, मेरा यह भी मानना है कि बगैर संकल्प और प्रतिज्ञा के हम सबकी श्रद्धांजलि अधूरी रह जायेगी।
इसलिए देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर की ओर से इस दिशा में कई पहल करने की कोशिश की जा रही है। उम्मीद है कि इस कोशिश में आप सभी इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सकगण भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
साथियों, मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि भारत की जमीं पर डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के अहम योगदान को देखते हुए ’30 नवंबर’ उनके जन्मदिन के विशेष अवसर पर इलेक्ट्रो होम्योपैथ के सभी चिकित्सकगण के साथ तमाम देशवासी राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस (National Electro Homeopathy Day) के रूप में इस दिन को हर्ष और उल्लास के साथ सेलिब्रेट करें।

इस दिन विशेष रूप से देश के तमाम शिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रो होम्योपैथी विषय पर सेमिनार व् कार्यशालाएं आयोजित की जाए। संस्थानों में विशेष रूप से भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए।

इसके साथ ही इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जन्मदाता काउंट सीजर मैटी जी के जन्म तिथि 11 जनवरी के दिन विश्व इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस (World Electro Homeopathy Day) के रूप में इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाए।
साथियों, यह हम सभी का संकल्प होना चाहिए कि अपने ऐतिहासिक दिन को मिल जुलकर ऐतिहासिक बनाये रखने में पहल करें और इस दिन को विशेष रूप देने में हमें हर संभव कोशिश भी करनी चाहिए।

इसी कोशिश में देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की ओर से मसीह-उल- हिन्द डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के 132वीं जयंती पर पहला राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस मनाया जायेगा। साथ ही देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के 132वीं जयंती पर 2 दिवसीय सेलिब्रेशन का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर व् नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रो होम्योपैथी के तमाम डॉक्टर्स की टीम, नर्सिंग स्टाफ व् अन्य कर्मचारी डॉ. एन.एल. सिन्हा जी की छपी तस्वीर वाली बैज लगाकर अस्पताल में अपने कार्य करेंगे।

इसके साथ संस्थान की ओर से 30 नवंबर 2021 को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से इलाज के लिए देशवासियों को आगे आने के संदेश भी दिया जायेगा। 2 दिवसीय जयंती समारोह के दौरान नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रो होम्योपैथी कैंपस में सैंकड़ों औषधियों के पौधे लगाकर सेहत को अनगिनत फायदे देने के संदेश भी दिए जाएंगे।

समारोह के आखिरी दिन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रो होम्योपैथी के निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी व् उपनिदेशक इलेक्ट्रो होम्योपैथी के सामने मौजूदा चुनौतियां एवं संभावनाओं विषय पर मीडिया को सम्बोधित करेंगे। साथ ही डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के 132वीं जयंती पर देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर व् नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रो होम्योपैथी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रहे डॉ. एन.एल. सिन्हा अवार्ड 2021 पर भी विशेष प्रकाश डाला जायेगा। इस समारोह के आखिरी दिन देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल के संघर्ष के शून्य से शिखर तक की यात्रा पर सम्बोधन भी पेश किया जायेगा।

साथियों, मुझे यकीन है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी के क्षेत्र में मसीह-उल- हिन्द डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के अहम योगदान को देखते हुए आप सब भी अपने अपने स्थानों से 30 नवंबर के दिन को ऐतिहासिक दिन बनाने में विशेष पहल करेंगे। इस संदर्भ में अगर आप मुझे कुछ सुझाव या संदेश देना चाहते हैं तो आज ही मेरे वॉट्स्ऐप मेसेंजर (9827058514) पर संपर्क करें।
ईमेल आईडी: deviahilyacancerhospital@gmail.com
वेबसाइट: www.deviahilyacancerhospital.in

साभार
डॉ. अजय हार्डिया, निदेशक
देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

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devi ahilya November 27, 2021 0 Comments