कैंसर का सफल इलाज इलेक्ट्रो होम्योपैथी से डॉ. अजय हार्डिया, इंदौर के श्रेष्ठ कैंसर उपचार विशेषज्ञ – कैंसर का नाम सुनते ही रोगी और परिजनों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है, खासकर तब जब बीमारी मस्तिष्क तक फैल चुकी हो। लेकिन देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल, दिल्ली में एक 74 वर्षीय महिला की कहानी ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में किया गया उपचार हर कठिनाई को आसान बना सकता है।
मरीज की कहानी: 74 वर्षीय श्रीमती शशि बाला
दिल्ली की रहने वाली 74 वर्षीय श्रीमती शशि बाला फेफड़ों के कैंसर (एडेनोकार्सिनोमा) से पीड़ित थीं, जो आगे चलकर ब्रेन मेटास्टेसिस में बदल गया।
भर्ती तिथि: 2 मई 2025
डिस्चार्ज तिथि: 8 मई 2025
इलाज की शुरुआत में वे बहुत कमजोर थीं। चलने-फिरने में कठिनाई, भूख न लगना और अत्यधिक थकान जैसी समस्याएँ थीं। उनकी MRI रिपोर्ट (4 मार्च 2025) में सबड्यूरल संग्रह, सूजन और मिडलाइन शिफ्ट जैसी गंभीर स्थिति पाई गई।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी द्वारा इलाज
अस्पताल की टीम ने कीमोथेरेपी, रेडिएशन या सर्जरी के बिना इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति से उनका इलाज शुरू किया।
इस पद्धति के प्रमुख लाभ:
रक्त और लसीका को शुद्ध कर दूषित तत्वों का निष्कासन
कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि पर नियंत्रण
सामान्य कोशिकाओं तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाना
दर्द, सूजन और भूख न लगने जैसी शिकायतों में राहत
पूरी तरह प्राकृतिक और बिना साइड इफेक्ट का इलाज
MRI रिपोर्ट और बदलाव
इलाज से पहले (4 मार्च 2025): सबड्यूरल संग्रह, सूजन, मिडलाइन शिफ्ट
इलाज के बाद (1 अगस्त 2025):
सबड्यूरल संग्रह पूरी तरह समाप्त
कोई नया मेटास्टेटिक फोकस नहीं
मिडलाइन शिफ्ट खत्म, मस्तिष्क पर दबाव नहीं
मरीज की प्रतिक्रिया
“जब मैं यहां इलाज के लिए आई थी तब बहुत कमजोर थी। चल भी नहीं पाती थी, भूख नहीं लगती थी और थकान से परेशान थी। लेकिन अब इलाज के तीन महीने बाद मैं बिना सहारे चल पा रही हूँ, भूख लगती है और थकान नहीं होती। यह मेरे लिए बहुत बड़ा बदलाव है। मैं डॉक्टर और पूरे हॉस्पिटल की टीम की आभारी हूँ।”
— श्रीमती शशि बाला
विशेषज्ञों की राय
श्रीमती मनीषा शर्मा (CEO, देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल):
“हमारा उद्देश्य हर मरीज को सुरक्षित और प्रभावशाली इलाज उपलब्ध कराना है। शशि बाला जी का केस इस बात का प्रमाण है कि उम्र और स्थिति बाधा नहीं बनती।”
डॉ. अजय हार्डिया (इलेक्ट्रो होम्योपैथी ऑन्कोलॉजिस्ट, निदेशक):
“इलेक्ट्रो होम्योपैथी का मुख्य उद्देश्य रक्त और लसीका तंत्र को शुद्ध कर शरीर की स्वाभाविक चिकित्सा क्षमता को सक्रिय करना है। यह पद्धति उन मरीजों के लिए आशा की किरण है जिन्हें पारंपरिक चिकित्सा में निराशा मिली थी।”
डॉ. आशीष हार्डिया (उप निदेशक):
“फॉलो-अप MRI में न केवल सभी गंभीर लक्षण समाप्त हो गए बल्कि मस्तिष्क सामान्य स्थिति में आ गया। सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि कोई नया मेटास्टेटिक फोकस नहीं मिला।”
