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कैंसर मरीज अब असहनीय पीड़ा से रहेंगे दूर, नए शोध से मिलेगी राहत

दिनांक 10 जुलाई 2022 दिन रविवार को भोपाल स्थित नवोदय बायोक्योर हेल्थकेयर एवं वेलफेयर सोसाइटी में एक दिवसीय निःशुल्क कैंसर चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। कैंसर मरीजों के इलाज हेतु आयोजित इस चिकित्सा शिविर में भारत के बेहद प्रसिद्द कैंसर हॉस्पिटल देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर के निदेशक व् मशहूर कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय हार्डिया के निगरानी में भोपाल से आये कैंसर मरीजों का इलाज किया गया।
इस शिविर के दौरान डॉ. अजय हार्डिया ने कहा, अब देशवासियों को कैंसर जैसी बीमारी से न घबराने की जरूरत है, न ही इस बीमारी से निराश होने की जरूरत है। देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर आज भारत का पहला कैंसर हॉस्पिटल है जहां इलाज करा रहे कैंसर मरीजों का पूर्ण रूप से प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवाइयों से इलाज किया जा रहा है जिसका किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव कैंसर मरीजों पर नहीं होता है और इसके साथ साथ मरीजों के ऊर्जा स्तर में भी सुधार होता है।
डॉ. हार्डिया ने आगे कहा कि हमने कैंसर से होने वाले तकलीफों को खत्म करने के लिए औषधीय पौधों पर आधारित इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवा ‘ऑन्को फोर्टे’ का शोध किया है जिससे बेहद कम समय में मरीजों को कैंसर से होने वाले असहनीय दर्द में राहत मिलती है। डॉ. हार्डिया अपने शोध के बारे में बताते हुए यह भी कहा कि ‘ऑन्को फोर्टे’ कैंसर ट्यूमर के दर्द और जलन को भी खत्म करने में रामबाण सिद्ध हो रहा है। आगे उन्होंने कहा, आज कितने ऐसे मरीज हैं जो इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से इलाज करा कर कैंसर जैसी बीमारी से होने वाले तमाम तकलीफों को खत्म करके सामान्य जीवन जी रहे हैं।
आगे डॉ. हार्डिया ने कहा, कैंसर बीमारी को पूर्ण रूप से खत्म करने की दिशा में हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं। ऐसे में अब हमारी कोशिश है कि इस देश के अधिकतर कैंसर मरीजों को इसका पूरा लाभ मिले।
इस दौरान देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मनीषा शर्मा ने कहा कि देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर की टीम भारत के कोने कोने में जाकर कैंसर रोग के प्रति वृहत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है जिस कड़ी में आज हम सभी भोपाल में हैं। हमारी कोशिश है कि जो लोग इस वक्त कैंसर से होने वाले तकलीफों से जूझ रहे हैं उन तक पहुंच बनाई जाये, जिससे उन्हें डॉ. अजय हार्डिया जी का शोध का पूरा फायदा मिल सके।
आगे उन्होंने कहा, आज का भारत अपने अमृतकाल में है, जहां हर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हमारे सामने है। ऐसे में हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि कोई भी कैंसर मरीज भारत के किसी भी कोने में कैंसर के तकलीफों के सामने घुटना न टेकें।
इस अवसर पर देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर के उप निदेशक डॉ. आशीष हार्डिया ने कहा कि कैंसर जैसी बीमारी के सामने हमें अपने जीवन स्तर में गुणवक्ता पूर्ण जीवन जीने की ओर विशेष रुप से ध्यान देने की जरूरत है, जिसमें जैविक खाद्य पदार्थों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना इस वक्त की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत है।
इसकी बड़ी वजह यह है कि जैविक खेती से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों में 40 से 50 प्रतिशत ज्यादा एन्टी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। आगे डॉ. आशीष ने कहा, एन्टी ऑक्सीडेंट ही वह तत्व होता है जिससे शरीर की कोशिकाओं को खराब होने से बचाया जा सकता है। अगर इसकी मात्रा हमारे शरीर में भरपूर है तो हमें किसी भी हाल में कैंसर नहीं हो सकता।
आगे उन्होंने कहा, हमें कोशिश करनी चाहिए कि राजमा, अनार, चुकंदर, लहसुन, किवी, अदरक, टमाटर, करौंदे, काले सैतूत, धनिया आदि पदार्थ का अधिक मात्रा में भोजन में इस्तेमाल हो। एन्टी ऑक्सीडेंट प्राकृतिक रूप से सब्जियों और फलों में पाए जाते हैं इसलिए हमें फ़ूड हब्बिट्स में इस ओर ध्यान देना आवश्यक है।
एक दिवसीय निःशुल्क कैंसर चिकित्सा परामर्श शिविर के आयोजन में नवोदय बायोक्योर हेल्थकेयर एवं वेलफेयर सोसाइटी की बड़ी भूमिका रही। इस अवसर पर इस संस्था के संस्थापक योगेंद्र शर्मा ने कहा कि मुख्य रूप से आज के आयोजित इस शिविर में मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, स्तन कैंसर, गले का कैंसर, लिवर कैंसर, ब्रेन कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, पेट का कैंसर, लंग कैंसर, बोन कैंसर आदि मरीजों का विशेष रूप से इलाज कर उन्हें डॉ. अजय हार्डिया द्वारा इलेक्ट्रो होम्योपैथी में शोध की गई दवा का भी निःशुल्क वितरण किया गया। इस शिविर का सफलता पूर्वक आयोजन में डॉ. राजेन्द्र गेहलोत, धर्मेश श्रीवास्तव, सुनील ढुल्लू, राजेंद्र सिंह ठाकुर, बलवीर कुमार, दिनेश सिंह आदि लोगों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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dahrc July 14, 2022 0 Comments

किडनी मरीजों के इलाज में नया शोध, बिना डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के अब इलाज संभव

दिनांक 2 मार्च 2022 दिन बुधवार को इंदौर स्थित देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में किडनी मरीजों के बेहतर इलाज के लिए रीनल केयर सेंटर का शुभारंभ किया गया। रीनल केयर सेंटर का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य व् पूर्व कैबिनेट मंत्री पारस चंद्र जैन द्वारा किया गया। इस दौरान किडनी मरीज व् उनके परिजनों के बीच जागरूकता फ़ैलाने के ख्याल से ‘डोंट रिप्लेस रीग्रो, अभियान भी शुरु किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य व् पूर्व कैबिनेट मंत्री पारस चंद्र जैन ने कहा कि इंदौर में शुरू हो रहे रीनल केयर सेंटर किडनी मरीजों के लिए वाकई वरदान है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से डॉ. अजय हार्डिया ने जिस शोध को किया है इससे किडनी मरीजों को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिले इसकी कामना करता हूँ। आगे पारस चंद्र ने कहा कि मौजूदा दौर में किडनी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो स्वास्थ्य जगत में योगदान दे रहे चिकित्स्कों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे समय में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की यह शोध तमाम चिकित्सा जगत के लिए मार्ग दर्शन का कार्य करेगा। आगे उन्होंने इस बड़ी उपलब्धि के लिए देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की पूरी टीम को बधाई दिया।


इस अवसर पर देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने कहा कि लंबे समय से हमें इंतज़ार था कि भारत में एक ऐसा किडनी अस्पताल हो जहां पर पूर्ण रूप से प्राकृतिक इलाज के माध्यम से किडनी मरीजों का इलाज किया जाये। आगे उन्होंने कहा, हमारे द्वारा स्थापित यह भारत का पहला इलेक्ट्रो होम्योपैथी का किडनी केयर सेंटर है जहां पर एक्यूट किडनी रोग, क्रॉनिक किडनी रोग, पॉलिसिस्टिक किडनी रोग, नेफ्रॉटिक सिंड्रोम, एट्रॉफी, हाइपरट्रॉफी, किडनी कैंसर, व् दुर्घटना के कारण गहरी चोट लगने से अगर किडनी में कोई तकलीफ हुई है तो इन सभी का इलाज पूर्ण रूप से प्राकृतक तरिके से किया जायेगा। डॉ. हार्डिया ने आगे कहा, इस सेंटर की विशेषता होगी कि जो किडनी मरीज आज डायलिसिस के सहारे जी रहे हैं उनका डायलिसिस धीरे धीरे खत्म कर उनके किडनी को प्राकृतक तरिके से रीग्रो करके उन्हें जीवन का वरदान हमें देना है। आगे डॉ. हार्डिया ने कहा, आज मेडिकल क्षेत्र में जो किडनी के मरीज हैं उन्हें डायलिसिस का सहारा दिया जा रहा है यह जानते हुए कि यह कोई उपचार की प्रक्रिया नहीं है। किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस मौजूदा मेडिकल साइंस के द्वारा बढ़ाने की परम्परा रही है और किडनी मरीजों के इलाज में अगर कोई डायलिसिस कम करने की बात कर दें तो यह बात असंभव सी लगती है। इसके पीछे की वजह है कि अन्य रीनल केयर सेंटर में किडनी के इलाज के लिए सिर्फ डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट का ही सहारा लिया जाता है, मगर देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा स्थापित इस रीनल केयर सेंटर में आने वाले किडनी मरीजों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवा व् हाइड्रो थेरेपी के माध्यम से क्यूरेटिव ट्रीटमेंट प्रोवाइड करके उनके किडनी के फंक्शन को बढ़ाया जायेगा।


संस्थान के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने किडनी मरीजों के इलाज के लिए ‘डोंट रिप्लेस रीग्रो’ का मंत्र बताया और इस अभियान पर कहा कि हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है कि किडनी रोग के विरुद्ध मजबूती से स्टैंड लेकर किडनी रीग्रो करने की ओर ध्यान दें, किडनी के क्रियाकलापों को सामान्य रूप से बनाये रखने की ओर हर संभव कोशिश करते रहे। किडनी रिप्लेस या ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प से हमें बचने की जरूरत है। यह कतई विकल्प नहीं होना चाहिए।


कार्यक्रम के दौरान देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मनीषा शर्मा ने कहा देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ग्रुप आज हर रोज मानव विज्ञान की दिशा में नए कृतिमान गढ़ रहा है। इस संस्थान में स्थापित शोध विभाग ने जीवन की रक्षा हेतु ऐसे वरदान दिए हैं जिससे आज देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर विशेषकर कैंसर रोग और किडनी रोग के इलाज के लिए फिलाहल विश्व का एक केंद्र बनकर उभरा है। सीईओ मनीषा शर्मा ने आगे कहा कि डॉ. अजय हार्डिया के निर्देशन में देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की टीम ने शोधकर एक बार फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिसका परिणाम है कि आज किडनी के इलाज में किडनी मरीजों को न कष्टदाई डायलिसिस का सहारा लेने की जरूरत है, न किडनी ट्रांप्लांट की, किडनी मरीज अब इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवा के जरिये अपने किडनी पुनःवृद्धि करके अपने किडनी फंक्शन को सामान्य कर सकते हैं।


इस दौरान संस्थान के उप निदेशक डॉ. आशीष हार्डिया ने कहा, यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी में हासिल नए शोध के माध्यम से अब हम किडनी मरीजों का इलाज बहुत ही सामान्य रूप से करेंगे। आगे डॉ. आशीष ने कहा देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में स्थापित रीनल केयर सेंटर में किडनी मरीजों की गंभीरता को देखते हुए हर एक इंतजाम बेहतर तरिके से की गई है। साथ ही किडनी मरीजों के लिए दो डायलिसिस मशीन की भी व्यवस्था की गई है जिसका उदेश्य गंभीर सीकेडी मरीजों के सहारा बने डायलिसिस को कम करते हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी व् हाइड्रो थेरेपी के माध्यम से रोग मुक्त करना है। हमारा संस्थान अब यह किडनी मरीजों के लिए नया परिवार जैसा है जहां उनका विशेष रूप से ख्याल रखा जायेगा। इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. राज नंदनी हार्डिया, डॉ. योगेश उपाध्याय, विशाल हार्डिया, योगेंद्र शर्मा, धर्मेश श्रीवास्तव, राजेश बोराणा आदि लोग उपस्थित रहे।

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devi ahilya April 11, 2022 0 Comments